संदेश

त्रियुगी नारायण यात्रा

चित्र
                  त्रियुगी नारायण जी की यात्रा  त्रियुगी नारायण जी की यात्रा के बारे में बहुत अधिक लोग नही जानते हैं पर जो जानते है वो इस जगह और इस यात्रा के महत्व से भली-भाँति परिचित है अभी तक कम ही जाने जानी वाली ये जगह अचानक तब मिडिया की सुर्खियों में आ गई जब अफ्रीका में हीरों के बडे व्यवसायी गुप्ता बंधुओं ने शादी के लिए त्रियुगी नारायण जी में शादी के लिए वहाँ के प्रशासन से अनुमति माँगी ।जोकि एक हाई प्रोफाइल शादी होने की वजह से बहुत सारे वी आइ पी लोग और विदेशी मेहमानों के इस में शामिल होने, उनके रूकने और कम जगह और  सुरक्षा व अन्य कारणों के चलते बाद औली में सम्पन्न  करायी गयी । त्रियुगी नारायण जी रात दिन इस शादी के समापन तक मीडिया की सुर्खियाँ बटोरता रहा ।पहली बार शायद इतनी बडी संख्या में लोगों को पता चला कि त्रियुगी नारायण ही वो जगह है जहाँ पर भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह रचाया था । और इसी वजह से इस जगह की महत्ता और पवित्रता को ध्यान मे रखते हुए गुप्ता बंधु भी अपने बच्चों की शादी यहाँ करना चाहते थे ताकि भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद भी बच्चों को विवाह के साथ ही म

Kedarnath yatra 2019

चित्र
                केदारनाथ जी की यात्रा-2019           केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले मे है । यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। परन्तु शीघ्र ही सरकार इसे सम्पूर्ण वष॔ के लिए खोलने पर कार्य कर रही है इस मन्दिर की आयु के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, पर एक हजार वर्षों से केदारनाथ एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान रहा है। समुद्र तल से उँचाई 3600 मीटर के आस-पास है  राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ये १२-१३वीं शताब्दी का है।पत्‍थरों से कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डव वंश के जनमेजय ने कराया था। आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया था ।केदारनाथ धाम की यात्रा उत्तराखंड की छोटा चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण चार मंदिरों में से एक है। छोटा चार धाम यात्रा हर वर्ष आयोजित की जाती है। केदारनाथ यात्रा के अलावा अन्य मदिर बद्रीनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री हैं। मंदिर के खुलने की तिथि हिंदू पंचांग की गणना के बाद ऊखीमठ में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा तय की जाती है और शीतकाल में

Gangotri गंगोत्री

चित्र
गंगोत्री यात्रा  Suraj with me In Gangotri                सूरज नीली टी शर्ट में के साथ गंगोत्री में जिसको को भी ये घुमने का वायरस लग गया ना फिर उसको ना गाड़ी चाहिए ना बंगला ना धन और दौलत वो तो फकीर हो जाता है जैसे फकीर को एक ही प्यास होती है वैसे ही घुमक्कड़ो की भी एक ही प्यास होती है एक नयी जगह या नया नजारा जो कि पहले देखे हुए नजारे से भी ज्यादा  सुन्दर और अदभुत हो बस यही चीज़ें उसे कस्तूरी मृग बना देती है जो उसे एक जगह टिकने नहीं देती ।बस हमारा हाल भी कुछ ऐसा ही है जब से मसूरी यात्रा से आते वक़्त ऋषिकेश बस अडडे पर मिले दिल्ली के कुछ लड़को से उत्तराखंड के चार धामों के बारे में सुना है तब से बस दिमाग की दही ये सोच-सोच कर हो गई कि इनमें सबसे सुन्दर जगह कौन सी होगी (मेरी हरिद्वार मसूरी यात्रा को पढने के लिए ब्लाग के अंत में दिए गए लिंक पर क्लिक करें )                                जब इस बार हम दो लोगों की संसद में पहले किस जगह घूमा जाए का प्रस्ताव पहले की तरह 2-0 के पूर्ण बहुमत से पास नहीं हो सका तो निर्णय लिया गया कि हरिद्वार ऋषिकेश जाकर पहले पता करेगें कि कौन सी जगह ज्याद