हरिद्वार मसूरी की यात्रा
हरिद्वार मसूरी की यात्रा कैम्पटी फाल, मसूरी अपनी अल्मोड़ा उत्तराखंड की पहली यात्रा के दौरान ही मुझे व मेरे दोस्त मननु को घुममकडी का वायरस लग चुका था हरे भरे जंगल, बर्फ से ढके हुए पहाड,चीड के पेड़ों की खुशबू, और मस्त बल खाती नदियों ने रातों की नींद उड़ा दी थी और तो और अब तो सपने भी पहाड़ों मे घूमने के ही आने लगे थे हिमालय का अदभुत आकर्षण हमें बार-बार अपनी और खीचने लगा था और हम जब भी मिलते तो बस सारी बातें घूमने पर ही केन्द्रित होती और अंत में घूमने के लिए पैसों का इंतजाम कैसे हो इस एक ही बात पर आकर खत्म हो जाती । नित नयी-नयी योजनाएं बनती और खत्म होती रहती । हम बस एक ही धुन मे रहते की कही से बस पैसों का जुगाड़ हो जाए तो हम फट से घूमने भाग जाएँ । हमने अपने अन्य खर्च कम कर करने शुरू कर दिए और घूमने के लिए पैसा इकट्ठा करना शुरू कर दिया फिर एक दिन हमारी मंजिल हमें मिल ही गयी और हमारे इस बजट में जो हम दो लोगों ने अपनी संसद में बैठ कर पास किया था केवल हरिद्वार की यात्रा ही की जा सकती है , या ज्यादा से ज्यादा मसूरी के आसपास ही घूमा जा सकता था कयोंकि हमारे घ...